Corona Virus Medicine ( कोरोना वायरस की दवा )

Corona Virus Medicine ( कोरोना वायरस की दवा )

Corona virus जिसके कहर से आज पूरे world में 3 लाख से ज्यादा लोग मर चुके है और 48 लाख से ज्यादा लोग संक्रिमत है और अभी तक कोई भी दवा या वैक्सीन नही बन पाई है फिर अस्पताल में मरीज को कौन से दवा दी जा रही है जिससे वो सही हो रहे है आज हम आपको उन 5 दवाओं के बारे में बतायेगे - 



पहली दवा - रेमडेसिवीर


इस दवा को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल के लिए एक दवा बनाने वाली कंपनी गिलिएड साइंसेज ने मंजूरी दी थी. यह एक एंटीवायरल ड्रग है. कोरोना से लड़ने में यह दवा काफी कारगर साबित हो रही है. यह दवा Corona Virus की जीन्स यानी RNA की कॉपी बनाता है. साथ ही Corona के असर को धीमा कर देता है. जहां पहले इसमें 15 दिन लगते थे वहीं अब इस दवा के इस्तेमाल से लोगों को 4 दिन में ही ठीक किया जा रहा है. बता दें कि इस दवा का इस्तेमाल Ebola Virus बीमारी के दौरान भी किया गया था |


दूसरी दवा - हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन


इसे HCQ शॉर्ट नेम से भी जाना जाता है. इसी दवा को लेकर बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से डिमांड की थी. हालांकि बाद में उनके दवा ना दिए जाने को लेकर भारत परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे इस बात की खूब आलोचना भी हुई थी. बावजूद इसके भारत ने इसकी पहली खेप अमेरिकी दी थी. इस दवा को कोरोना के इलाज के रूप में पहली बार ICMR ने इस दवा की सिफारिश की थी. इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया के रोगियों को ठीक करने के लिए किया जाता है. हालांकि यह दवा ज्यादा असरदार नहीं है, बावजूद इसके बड़े पैमाने पर इन दवाओं का Corona संक्रमितों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.


कोरोना के इलाज की तीसरी दवा -  प्लाज्मा थेरेपी

इस थेरेपी में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर से प्लाज्मा लेकर कोरोना संक्रमितों के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है. इस कारण ठीक हो चुके मरीज का प्लाज्मा संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी की तरह काम करता है।


चौथी दवा - ‘सेप्सिवैक’ दवा


इस दवा का ट्रायल चंडीगढ़ स्थित एक मेडिकल रिसर्च संस्थान PGIMR ने शुरू किया है. इस दवा को लेकर ICMR का मानना है कि यह दवा मृत्युदर को कम करने में कारगर साबित हो सकती है. इस दवा को लेकर एक चिकित्सक ने बताया कि इसको मरीजों को वैक्सीन के रूप में दिया जाएगा. इस दवा के इस्तेमाल से लोग दोबारा कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं.


पांचवी दवा - फेवीपिरवीर

इस दवा का इस्तेमाल पहले जानलेवा बीमारी इन्फ्लुएंजा वायरस के खिलाफ किया जाता था. इस दवा का परीक्षण फिलहाल जापान में कोरोना संक्रमितों पर किया जा रहा है. Times Of India की एक खबर के मुताबिक इस दवा का परीक्षण जल्द ही भारत में भी शुरू हो सकता है. माना जा रहा है कि यह दवा शरीर के विभिन्न अंगों में वायरस को फैलने से रोकता है.

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