नमस्कार दोस्तो,
आज हम लेकर आये है एक ऐसे शख्स की Biography जिसने संन्यासी होकर भी अच्छी अच्छी Multinational Company को नाकों चने चबवा दिए, योग और स्वेदशी की ऐसी लहर पैदा की आज विदेशो में भी आयुर्वेद और योग का बोलबाला हो गया है,
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम आज बात करने जा रहे है Baba Ramdev Biography की, आज हम पढेंगे की एक सन्यासी कैसे बन गया बिजनेसमैन । आइये दोस्तो तो आज हम बाबा रामदेव के बारे में विस्तार से पढ़ते है -
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बाबा रामदेव |
बाबा रामदेव जी की का जन्म, परिवार शिक्षा प्रारंभिक जीवन – Ramdev Baba Biography and Family
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के अलीपुर में राम यादव और गुलाबो देवी के घर सन 1965 में बाबा रामदेव जी का जन्म हुआ।
इनके बचपन का नाम रामकृष्ण यादव था। इनके परिवार में इनके एक भाई है जिनका नाम राम भरत और भाभी का नाम जसदेव शास्त्री है।
8 साल की उम्र में इन्हें लकवा मार गया जिससे इनका एक तरफ के शरीर ने काम करना बंद कर दिया । इन्होंने किताब में योग के बारे में पढ़ा जिसमे लिखा था कि योग से शरीर और मन दोनों दुरुस्त रहते है ।
इस तरह इनका रुझान योग की तरफ हो गया । बाद में इन्होंने योग के द्वारा ही अपने शरीर को भी ठीक करने का दावा किया ।
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बाबा रामदेव के माता पिता |
शिक्षा (Education) -
अपनी शुरुआती शिक्षा इन्होंने हरियाणा के शहजादपुर से हासिल की और फिर बाद में उन्होंने कई गुरुकलों और गुरुओं के आश्रम में जाकर साहित्य, धर्म, वेद, योग और साहित्य का गहन अध्ययन किया।
उन्होंने खानपुर से योग और संस्कृत की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वे लोगों को योग की शिक्षा मुफ्त में देने ले और फिर हरिद्धार चले गए जहां उन्होंने कांगरी यूनवर्सिटी और गुरुकुल में प्राचीन भारतीय शास्त्र , संस्कृति और परंपराओं का ज्ञान प्राप्त किया।
फिर रामदेव जी ने संयासी जीवन ग्रहण कर लिया और वे हरियाणा के जींद गांव में लोगों को योग सिखाने लगे और अब वे अपने योग सिखाने के लिए न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी जाने जाते हैं।
दिव्य योगपीठ ट्रस्ट Divya Yogpeeth Trust –
बाबा रामदेव ने साल 1995 में दिव्य योग्य मंदिर ट्रस्ट की शुरुआत की थी। हरिद्धार में स्थित इस ट्रस्ट में ही ज्यादातर रामदेव योग की शिक्षा देते थे।
रामदेव बाबा की जिंदगी में सबसे बड़ा बदलाव साल 2001 में आया जब संस्कार चैनल में उनका 22 मिनट का शो लोगों को दिखाया जाता था।
2003 से आस्था टीवी ने हर सुबह बाबा रामदेव का योग का कार्यक्रम दिखाना शुरू किया जिसके बाद बहुत से समर्थक उनसे जुड़े। भारत और विदेशों में उनके योग शिविरों में आम लोगों सहित कई बड़ी-बड़ी हस्तियां भी भाग लेती है।
बाबा रामदेव के द्वारा योग को घर घर तक पहुचाने के कारण ही 21 june को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पतंजलि योगपीठ आयुर्वेद –Patanjali Yogpeeth Trust
वर्ष 2006 में, उन्होंने हरिद्वार, उत्तराखंड में “पतंजलि योगपीठ” की स्थापना की, जिसमे लगभग 6000 लोगों की क्षमता के साथ आयुर्वेद और योग के लिए विश्व का सबसे बड़े केंद्र माना जाता है।
योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा स्थापित पतंजलि योगपीठ एक ऐसी संस्था है, जिसमें योग और आयुर्वेद का एक साथ ज्ञान दिया जाता है। आपको बता दें कि इस संस्था की स्थापना बाबा रामदेव जी ने योगा और आयुर्वेद पर अभ्यास एवं रिसर्च के लिए की थी।
भारत में इसके दो Campus है, पतंजलि योगपीठ-1 और पतंजलि योगपीठ-2, इसके अलावा यह संस्थान UK, Us, नेपाल, कनाडा और मॉरिशस में भी स्थापित है।
साल 2006 में ही रामदेव और बालकृष्ण ने हरिद्दार में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की थी।
पतंजली द्वारा रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सभी वस्तुओं अनाज, दालें, दलिया, साबुन, बिस्किट,टूथपेस्ट समेत तमाम चीजें बेचता हैं।
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पतंजलि स्टोर |
पतंजलि के आने बाद विदेशी कंपनियों को काफी बड़ा झटका लगा और आज तो पतंजलि के स्टोर हर शहर और गांवों में हैं। इसके अलावा बाबा रामदेव पतंजली स्टोर्स में वैध भी बैठते हैं, जो कि पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाइयां देकर बड़े से बड़े रोग ठीक कर देते हैं। रामदेव जी स्वेदशी अपनाओ और देश बचाओ का ज्ञान देते है ।
बाबा रामदेव का राजनैतिक सफर
( Baba Ramdev Political Career )
साल 2010 में बाबा रामदेव ने चुनाव में अपनी भागीदारी सुनियोजित करने के उद्देश्य से स्वाभिमान नामक राजनैतिक पार्टी बनाई, लेकिन फिर थोड़े दिनों बाद उन्होंने राजनीति में आने की अपनी अनिच्छा जाहिर की ।
इसके बाद साल 4 June 2011 में योगगुरु बाबा रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में जनलोकपाल बिल लागू करवाने एवं भ्रष्टाचार मुक्त भारत की मांग को लेकर अनशन किया। इसके बाद सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने की एक कमेटी का गठन किया।
वहीं इस दौरान बाबा रामदेव पर उनके पतंजलि में प्रोडक्ट में मिलावटखोरी एवं उनके सबसे बड़े अनुयायी आचार्य बालकृष्ण पर भी नकली पासपोर्ट बनवाने समेत कई गंभीर आरोप लगे।
2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर को देखते हुए वे भी देश के भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से जुड़ गए और उनका Support करने लगे।
बाबा रामदेव से जुड़े अनसुने तथ्य – Unknown Facts About Baba Ramdev
संयासी बनने के बाद रामकृष्ण यादव से उन्होंने अपना नाम बदलकर बाबा रामदेव रख लिया और योग करना शुरु कर दिया। बाबा रामदेव, हिन्दू वेदों-शास्त्रों के अच्छे जानकार हैं, उन्होंने हरिद्दार में अलग-अलग गुरुओं से शिक्षा हासिल की है।
बाबा रामदेव ने अपने एक तरफ के निष्क्रिय शरीर को उन्होंने योग से स्वस्थ किया। साल 2003 में आस्था टीवी पर योग गुरु बाबा रामदेव जी ने योग दिखाना शुरु किया था।
साल 2006 में उत्तराखंड में हरिद्धार ”पतंजली योगपीठ” की स्थापना की, जिसमें करीब 6 हजार लोंगो की क्षमता के साथ आर्युवेद और योग के लिए दुनिया का सबसे बड़ा केन्द्र माना जाता है। साल 2006 में योग गुरु बाबा रामदेव ने हरिद्धार, उत्तराखंड में ”पतंजलि योगपीठ” की स्थापना की, जो कि आयुर्वेद और योग का विश्व का सबसे बड़ा केन्द्र माना जाता है।
बाबा रामदेव कोई भी अनाज नहीं खाते हैं, वे केवल उबली हुई सब्जियां, फल एवं गाय का दूध का ही सेवन करते हैं।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड में उनके पास कोई भी हिस्सेदारी नहीं है, इसके बजाए, आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद में 94% की हिस्सेदारी रखते हैं, लेकिन बालकृष्ण किसी भी प्रकार का वेतन नहीं लेते हैं। शेष 6 % सरवन और सुनीता पोद्दार को दिया जाता है, वह स्कॉटलैंड के निवासी हैं, एक एनआरआई के रूप में उन्होंने बालकृष्ण को व्यवसाय शुरू करने के लिए पहला ऋण दिया था।
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बाल कृष्ण के साथ रामदेव बाबा |
बाबा रामदेव जी स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा देते हैं। बाबा रामदेव आज भी 90 के दशक का स्कूटर संभाल कर रखे हुए हैं, जिस पर बैठकर वो दवाइयां बेचते थे।
अभी हाल ही में बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा (Covid 19) की दवा के बनाने के दावे के कारण सुर्खियों में आ गए।
बाबा रामदेव को मिले पुरस्कार और अवॉर्ड – Baba Ramdev Award
साल 2015 में हरियाणा सरकार ने योग गुरु बाबा रामदेव जी के सम्मान में उन्हें योगा और आयुर्वेद का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था।
साल 2011 में बाबा रामदेव जी को महाराष्ट्र सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा बाबा रामदेव को भुवनेश्वर की कलिंगा यूनिवर्सिटी, आईआईटी और एमटी यूनिवर्सिटी के अलावा एक अन्य यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा जा चुका है।
रामदेव ने अपनी बायोग्राफी "My Life, My Mission" नामक पुस्तक से लोगो के सामने रखी। इस पुस्तक को पढ़कर आप उनके बारे में विस्तार से जान सकते है ।
अभी हाल ही में बाबा Corona Virus की दवा कोरोनिल बनाने के कारण चर्चा में आ गए थे लेकिन जल्द ही उन्होंने इसे केवल Immunity बढाने की दवा बताकर विवाद को सुलझा लिया है
लेखक की राय
बाबा रामदेव के जीवन से हमे सीखना चाइए कि चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितिया हो लेकिन हमें अपने कार्य को मन लगाकर कर करना चाहिए बाबा रामदेव ने केवल योग और स्वदेशी के माध्यम से ही आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तर पर काफी ख्याति अर्जित की है हमे इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए ।
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