Lalu Yadav Biography ( लालू यादव का जीवन परिचय )
नमस्कार दोस्तो , आज हम एक ऐसे राजनेता के बारे में जानेंगे जो अपने लुक और बोलने के स्टाइल से लोगो के बीच इतना popular हो गया कि लोग के जेहन में आज भी उसकी एक अलग छवि है आज हम बात कर रहे है लालू प्रसाद यादव जी की जो कि एक भारतीय राजनेता हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर भारतीय राजनीति में अपनी एक पहचान बनाई है. और इनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल है साथ ही ये बिहार के पूर्व चीफ मिनिस्टर, पूर्व रेलवे मंत्री और लोकसभा के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं, आज हम इनके बारे में विस्तार से जानेंगे -
लालू यादव का जन्म और परिवार के बारे में -
सन् 1948 में पैदा हुए लालू प्रसाद यादव का नाता बिहार राज्य के फुलवारिया गांव से है और इसी गांव में इनका शुरूआती जीवन बिता हुआ है.लालू के पिता कुंदन राय बेहद ही गरीब हुआ करते थे और वो एक किसान थे. इनकी मां का नाम मराचिया देवी है और वो एक गृहणी हुआ करती थी. लालू अपने माता पिता की कुल छह संतानों में से दूसरी नंबर की संतान है.लालू प्रसाद यादव सन् 1973 में राबड़ी देवी के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे और इस विवाह से इन दोनों को कुल 9 बच्चे हुए थे, जिनमें से इनके 7 बेटियां और 2 बेटे है
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Lalu Yadav Faimly |
बेटों के नाम - तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव
बेटियों के नाम -
1- मीसा भारती देवी 2- रोहिणी आचार्य 3- चंदा सिंह
4- रागिनी यादव 5- धन्नू 6 - हेमा 7- लक्ष्मी
लालू प्रसाद यादव की शिक्षा ( Education ) -
लालू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के ही स्कूल से हासिल की हुई है, जबकि उच्च हासिल करने के लिए ये अपने बड़े भाई के साथ पटना जाकर रहने लगे थे पटना में जाकर इन्होंने, यहां के B. N. University में दाखिला ले लिया और यहां से इन्होंने Bechlor of Law और Political science में मास्टर डिग्री हासिल की थी.
अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद लालू पटना के बिहार वेटरनरी कॉलेज से अपने करियर की शुरुआत की थी और इस कॉलेज में इन्हें बतौर एक क्लर्क के रुप में कार्य किया था. इसी कॉलेज में लालू के बड़े भाई भी कार्य किया करते थे और वो एक चपरासी हुआ करते थे |
लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक करियर (Political Career) -
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Lalu yadav |
साल 1970 में लालू ने Patna University स्टूडेंट्स यूनियन (पीयूएसयू) के महासचिव बनने की लिए चुनाव लड़ा था और इस चुनाव को जीता भी था. इस चुनाव के तीन साल बाद, लालू ने Patna university student Union (पीयूएसयू) के अध्यक्ष के लिए भी चुनाव लड़ा था और ये चुनाव भी लालू ने जीत लिया था.
साल 1974 में जय प्रकाश नारायण द्वारा स्टार्ट किए गए ‘बिहार आंदोलन’ में लालू ने हिस्सा लिया था और इसी दौरान लालू को कई भारतीय राजनेताओं से मिलने का मौका मिला.
‘बिहार आंदोलन की मदद से ही लालू जनता पार्टी में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो सके थे और इस पार्टी के साथ जुड़कर ही इन्होंने अपना राजनीति का सफर शुरू किया था.
लालू प्रसाद यादव का राजनेता बनने का सफर (Political Career)
6 वीं लोकसभा के लिए साल 1977 में हुए इस चुनाव को लालू ने महज 29 वर्ष की आयु में जीता था और कम आयु में ही लोकसभा का सदस्य बन गए थे. साल 1979 में जनता पार्टी सरकार किन्ही कारणों के चलते गिर गई थी, जिसके बाद लालू प्रसाद यादव ने इस पार्टी को छोड़ दिया था.
जनता दल पार्टी को किया ज्वाइन
जनता पार्टी को छोड़ने के बाद लालू प्रसाद यादव जनता दल में शामिल हो गए और इस पार्टी में शामिल होने के बाद लालू ने बिहार विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा था.
बिहार असेंबली के लिए लालू ने इस पार्टी की ओर से साल 1980 में पहली बार चुनाव लड़ा था और इस चुनाव को जीत भी लिया था. इस दौरान लालू यादव को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने का मौका भी मिला था.
साल 1990 में पहली बार बने मुख्यमंत्री
साल 1990 में लालू पहली बार बिहार स्टेट के मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए थे और वो इस पद पर साल 1997 तक बने रहे थे. इसी दौरान किन्ही कारणों के चलते इन्हें अपनी ये पोस्ट छोड़नी पड़ी थी.जिसके बाद इन्होंने बिहार के सीएम की पोस्ट अपनी पत्नी को सौंप दी. भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक चारा घोटले में लालू की भूमिका को लेकर सीबीआई द्वारा कई तरह की जांच की गई और बाद में इन्हें इस घोटाले के चलते गिरफ्तार भी कर लिया गया था. लालू के गिरफ्तार होने के बाद उनकी पार्टी ने उन्हें पार्टी से अलग कर दिया था.
बनाई अपनी खुद की पार्टी
जनता दल पार्टी से रास्ता अलग होने के बाद, लालू ने खुद की एक पार्टी बनाई. सन् 1977 में बनाई गई इस पार्टी का नाम इन्होंने राष्ट्रीय जनता दल रखा 1998 में 12वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में लालू ने मधुपुरा सीट से चुनाव लड़ा था और इस सीट से ये चुनाव जीत भी लिया था. ये चुनाव जीतते ही लालू तीसरी बार लोकसभा के सदस्य बनने में कामयाब हुए थे.
लोकसभा का सदस्य बनने के दौरान लालू को लोकसभा द्वारा गठित की गई गृह मामलों की समिति, सामान्य उद्देश्य पर समिति, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार समिति का सदस्य भी बनाया गया था.
साल 2002 में बने राज्यसभा के सदस्य
साल 2002 में लालू यादव को राज्यसभा के चुनाव सभा में का सदस्य बनाने के लिए नॉमिनेट किया गया था और ये साल 2004 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे चुके हैं.
लालू की पार्टी ने साल 2002 में बिहार में हुए असेंबली चुनाव में विजय हासिल की थी और इन्होंने फिर से अपनी पत्नी को इस राज्य का सीएम बना दिया था. हालांकि साल 2005 तक ही लालू की पत्नी इस पद पर बनी रही थी और कन्हीं कारणों के चलते इन्हें अपना ये पद छोड़ना पड़ा था.
साल 2004 में बने रेलवे मंत्री
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में लालू ने बिहार की दो सीटों से चुनाव लड़ा था और इन दोनों सीटों पर उन्हें जीत मिली थी. इन चुनावों में लालू की पार्टी ने कुल 21 सीटें जीती थी।
लोकसभा में लालू की पार्टी को मिली जीत के बाद इन्होंने, कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दिया था और इस तरह से ये यूपीए में शामिल हो गए थे।
यूपीए पार्टी को समर्थन देने के चलते साल 2004 में लालू को कांग्रेस पार्टी द्वारा रेलवे मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी. इस मंत्रालय को लालू ने काफी अच्छे से चलाया था और भारतीय रेलवे को नुकसान से बाहर निकालने के लिए कई सारे कार्य भी किए थे।
चुनाव लड़ने पर लगा प्रतिबंध
साल 2013 में चारा स्कैम में लालू को कोर्ट द्वारा दोषसिद्धि किया गया, जिसके कारण लालू अगले आने वाले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इस प्रतिबंध के कारण लालू साल 2013 से अभी तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाए हैं.
साल 2015 में बिहार असेंबली के लिए हुए इलेक्शन को लालू के परिवार के सदस्यों द्वारा लड़ा गया और इन चुनावों में लालू और उनकी अलायन्स को जीत भी हासिल हुई.
इस वक्त लालू अपने अपराधों की सजा जेल में काट रहे हैं और उनकी पार्टी का कार्य उनके बेटों द्वारा संभाला जा रहा है.
लालू यादव के साथ जुड़े विवाद (controversy)
चारा घोटाला (Fodder scam)
जिस वक्त लालू यादव अपने स्टेट के सीएम थे, उस वक्त इन्होंने चारा घोटाले को अंजाम दिया था. लालू पर आरोप लगे है कि इन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर पशुओं को दिए जानेवाले चारे के नाम पर कई करोड़ रुपए का घपला किया था और करीब 900 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से लुटे थे.
इस स्कैम को लेकर इस वक्त कोर्ट में कई मामले चल रहे हैं और इन्हीं मामलों में से छह मामलों में लालू को अभियुक्त बनाया गया है. इन छह केस में से दो केस में इन्हें अपराधी भी करार दे दिया गया है, जबकि अन्य चार केस में इनकी सुनवाई अभी बाकी है.
चारा स्कैम के पहले केस में इन्हें पच्चीस लाख रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल की सजा सुनवाई गई है. जबकि दूसरे केस में इन्हें 3.5 वर्ष की सजा सुनवाई गई है.
आय से अधिक संपत्ति मामला
आज से करीब 20 वर्ष पूर्व लालू और उनकी पत्नी के खिलाफ इनकम से अधिक संपत्ति केस को लेकर भी केस चलाया गया था और इस केस में इन दोनों को दोषी पाया गया था. इस केस के चलते लालू और उनकी पत्नी राबड़ी को सरेंडर भी करना पड़ा था.
हालांकि उस समय राबड़ी इस राज्य की सीएम थी इसलिए उन्हें बेल मिल गई थी, जबकि लालू को 11 दिनों तक रिमांड में रखा गया था और बाद में जेल भेज दिया गया था. लेकिन इस केस में इन दोनों के खिलाफ कोई भी प्रूफ नहीं मिलने के कारण, साल 2006 में सीबीआई अदालत से इन्हें रिहा कर दिया गया था.
भारतीय रेलवे टेंडर घोटाला
साल 2005 में लालू और इनके परिवारवालों पर घूस लेने का आरोप भी लगा था. सीबीआई ने अपनी इंस्पेक्शन में पाया था कि इन्होंने बतौर रेलवे मिनिस्टर रहते हुए कई कंपनियों को रेलवे टेंडर देने के लिए करोड़ रुपए वसूले थे.जिन कंपनियों को ये टेंडर मिले थे उन्होनें लालू और इनके परिवार के सदस्यों को रिश्वत के रूप में कई संपत्ति दी थी. इस वक्त इस मामले में लालू सहित उनकी पत्नी और बच्चों पर केस चल रहा है.
लालू यादव बिहार क जनता के बीच काफी फेमस हैं और इतने सारे आरोपों के बाद भी वो हर बार आसानी से चुनाव जीत जाते हैं. लालू उन राजनेताओं में से है जिन्हें पॉलिटिक्स की अच्छी खासी जानकारी है और इनके इसी अनुभव की मदद से अब इनके बेटे राजनीति में अपनी जगह बनाने में लगे हुए हैं.
लालू यादव से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी-
- लालू प्रसाद बचपन में अपने गांव में भैंसे चराया करते थे और इस वक्त भैंस के खाने से जुड़े ‘चारा घोटाले’ के चलते ही इन्हें जेल जाना पड़ा है।
- काफी लोग लालू प्रसाद को अनपढ़ समझते हैं, मगर ऐसा बिलकुल नहीं है और लालू प्रसाद यादव काफी पढ़े हुए व्यक्ति हैं और इनके पास पॉलिटिकल साइंस और लॉ की डिग्री है. साथ ही इनके पास सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन की मेम्बरशिप भी थी।
- लालू प्रसाद यादव ने भारतीय प्रबंधन संस्थान और विश्व की कई प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी जैसे हार्वर्ड, व्हार्टन में जाकर वहां के बच्चों को संबोधित भी किया हुआ है।
- जिस तरह से लालू ने रेलवे को नुकसान से निकाला था उस चीज पर प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान द्वारा केस स्टडी की गई थी।
- लालू यादव अपने भाषण के चलते हमेशा से ही हेडलाइन्स में रहते हैं और अपनी एक स्पीच के दौरान इन्होंने कहा था कि वे अपने स्टेट की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों जैसा बना देंगे. इस भाषण के कारण इनका काफी क्रिटिसिज्म भी हुआ था।
- साल 2013 में लालू प्रसाद को चारा घोटाले में सजा सुनाने वाले जज, लालू प्रसाद यादव के कॉलेज टाइम में जूनियर हुआ करते थे।
- बतौर अपने राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए लालू ने जाने माने राजनेता आडवाणी को अरेस्ट भी करवा दिया था.जिस वक्त लालकृष्ण आडवाणी को जेल में डाला गया था, उस वक्त वो अयोध्या में राम मंदिर बनवाने को लेकर रथ यात्रा निकाल रहे थे।
- बिहार स्टेट से साल 2000 में जब झारखंड स्टेट को अलग किया जा रहा था, तो उस समय लालू झारखंड स्टेट बनाने के पक्ष में नहीं थे और लालू ने तब कहा था कि उनकी मृत्यु के बाद झारखंड स्टेट बन पाएगा।
लालू यादव के खिलाफ प्रमुख मामले:
1. 1998 लालू की असीमित संपत्ति मामले
2. 1996 चारा घोटाला - देवघर कोषागार से धोखाधड़ी किए गए 89.27 लाख रुपये का दूसरा मामला: 2017 में आरोप
3. 1996 चारा घोटाला - चाइबासा कोषागार से धोखाधड़ी किए गए 35.62 करोड़ रुपये का तीसरा मामला: 2018 में आरोप
4. 1996 चारा घोटाला - दुमका कोषागार से 3.97 करोड़ रुपये का चौथा मामला: 2018 में आरोप
5. 1996 चारा घोटाला - डोरांडा कोषागार से धोखाधड़ी किए गए 184 करोड़ रुपये का 5 वां मामला: अदालत में लंबित
6. 2005 भारतीय रेलवे निविदा घोटाला: लालू परिवार सीबीआई द्वारा बुक किया गया
7. 2017 डिलाइट प्रॉपर्टीज 45 करोड़ बेनामी असमान संपत्ति और कर चोरी के मामले: लालू परिवार ईडी द्वारा बुक किया गया
8. 2017 एबी निर्यात 40 करोड़ बेनामी असमान संपत्ति और कर चोरी के मामले: लालू परिवार ईडी द्वारा बुक किया गया
9. 2017 पटना चिड़ियाघर मिट्टी घोटाला
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